💐 जो अति दुखी होते है वह अकसर तेज श्वास लेते है , श्वास छोडते है।
💐 जो सुखी ( मन चित्त से प्रसन्न है ) वह धीरे धीरे साँस लेते - छोडते है।
💐 नारकी के जीव निरंतर साँस लेते छोडते है और देवलोक के जीव धीरे धीरे साँस लेते छोडते है।
💐 व्यवहार में भी देखा गया है की कामवासना या क्रोध के समय जीव तेज साँस लेता छोडता है , और शांत चित्त बैठा रहे तब साँस धीरे चलती है।
💐 जो तेज साँस लेते छोडते है वह प्रायः ज्यादा आहारी होते है और जो धीरे धीरे साँस लेते छोडते है वह प्रायः अल्प आहारी होते है।
श्री पन्नवणा सूत्र
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🙏नमो जीणाणं🙏
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