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अनित्य भावना


अनित्य भावना
जो उगता है, वह अस्त होता है ।
जो खिलता है, वह मुरझाता है ।
जो जन्म लेता है, वह मरता है ।
यह सम्पूर्ण जगत विनाशी है ।
सभी संयोग क्षणिक है, 
इसलिए किसी व्यक्ति या
वस्तु पर मोह करने जैसा नहीं है ।
सभी संयोग क्षणिक है ।


BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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