Pages

मनमोहन पार्श्वनाथ मंदिर, इंदौर


मेरी प्यास को मरुथल लिखना, 
आंसुओ को तू लिखना समन्दर...
हार छुपा के रखना मेरी,
मेरी जीत को लिखे सिकंदर...
पीड़ मेरी तू लिख न लिख, 
दिल को मेरे मंदिर लिखना...
मेरी नजरे झुके पार्श्व चरण में..
ह्रदय रहे भैरू शरण में नश्वर...!!
जय जिनेन्द्र

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.