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ध्यान करते समय साधक ना तो किसी का गुलाम है, ना ही किसी का मालिक !

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ध्यान करते समय साधक 
ना तो किसी का गुलाम है, 
ना ही किसी का मालिक !

ध्यान करते समय साधक 
ना तो किसी का चेला है, 
ना ही किसी का गुरु !

ध्यान करते समय साधक 
ना तो किसी का पिता है , 
ना ही किसी का पुत्र !

"ध्यान" तो प्रभु से डायरेक्ट कनेक्शन है 

"ध्यान" से स्वयं को ले चलो 
अपनी परम सत्ता की ओर !

BEST REGARDS:- ASHOK SHAH & EKTA SHAH
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